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खुदा सलामत रखना उन्हें,
जो हमसे नफरत करते हैं,
प्यार न सही नफरत ही सही,
कुछ तो है जो वो हमसे करते हैं।17

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न मोहब्बत संभाली गई, न नफरतें पाली गईं,
अफसोस है उस जिंदगी का, जो तेरे पीछे खाली गई।18

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मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो,
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है।19

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मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो,
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है।20

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एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं,
वरना नफरत और मोहब्बत एक ही दिल में होती है।21

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कुछ जुदा सा है मेरे महबूब का अंदाज,
नजर भी मुझ पर है और नफरत भी मुझसे ह23

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फिर यूँ हुआ के गैर को दिल से लगा लिया,
अंदर वो नफरतें थी के बाहर के हो गये।22

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ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा,
मैं खुद तन्हा रहा पर दिल को तन्हा नहीं रखा,
तुम्हारी चाहतों के फूल तो महफूज रखे हैं,
तुम्हारी नफरतों की पीड़ को जिंदा नहीं रखा।24

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एक नफरत ही है जिसे,
दुनिया चंद लम्हों में जान लेती है, वरना..
चाहत का यकीन दिलाने में तो
ज़िन्दगी बीत जाती ह25

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चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,
देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,
जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,
सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह।26

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मत रख इतनी नफ़रतें अपने दिल में ए इंसान,
जिस दिल में नफरत होती है उस दिल में रब नहीं बसता।27

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लेकर के मेरा नाम मुझे कोसता तो है,
नफरत ही सही, पर वह मुझे सोचता तो है।28

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वो वक़्त गुजर गया जब मुझे तेरी आरज़ू थी,
अब तू खुदा भी बन जाए तो मैं सज़दा न करू 29

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नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं मुझसे,
जब भी मिलते हैं कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं ।30

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अदावत तो है अपनी नफरतों के रहनुमाओं से
जो दिल में दे जगह उससे भला न क्यूँ सुलह कर लें 31

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वो दुश्मन बनकर मुझे जीतने निकले थे
मुहब्बत कर लेते मै खुद ही हार जाता32

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कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था33

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कुछ लोग तो मुजसे सिर्फ इसलिए भी नफरतकरते हैं
क्योंकि..बहुत सारे लोग मुझसे प्यार करते हैं34

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क़त्ल तो लाजिम है इस बेवफा शहर में,
जिसे देखो दिल में नफरत लिये फिरता है।35

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लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है।36

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