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हक़ से अगर दो तो नफरत भी कबूल हमें
खैरात मैं तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी ना लें.72

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हर चीज़ नहीं है मरकज़ पर
इक ज़र्रा इधर इक ज़र्रा उधर
नफ़रत से न देखो दुश्मन को
शायद वो मोहब्बत कर बैठे73

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नए साल में पिछली नफ़रत भुला दें
चलो अपनी दुनिया को जन्नत बना दें74

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दिल में नफ़रत हो तो चेहरे पे भी ले आता हूँ
बस इसी बात से दुश्मन मुझे पहचान गए75

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दिल में नफ़रत हो तो चेहरे पे भी ले आता हूँ
बस इसी बात से दुश्मन मुझे पहचान गए76

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पिला दे ओक से साक़ी जो हम से नफ़रत है
पियाला गर नहीं देता न दे शराब तो दे 77

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ख़ुदा से क्या मोहब्बत कर सकेगा
जिसे नफ़रत है उस के आदमी से78

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नफ़रत-ओ-बोग़्ज़-ओ-अदावत का अन्धेरा दूर हो,
बज़्म मे डालो तुम ऐसी रौशनी आफ़ताब की !!79

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आज तय कर लिया है फुर्क़त में
उम्र गुज़रेगी तुम से नफ़रत में80

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नफ़रत का गुमाँ गुज़रे है मैं रश्क से गुज़रा
क्यूँकर कहूँ लो नाम न उन का मिरे आगे81

पिला दे ओक से
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साक़ी जो मुझ से नफ़रत है
पियाला गर नहीं देता न दे शराब तो दे82
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~मिर्ज़ा_ग़ालिब
होने को यूँ तो शहर में अपना मकान था
नफ़रत का रेगज़ार मगर दरमियान था
दिल में नफ़रत हो तो चेहरे पे भी ले आता हूँ
बस इसी बात से दुश्मन मुझे पहचान गए ~ShujaKhaawar

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बे पिए ही शराब से नफ़रत
ये जहालत नही तो और क्या है..?83
-साहिर लुधियानवी
रिन्दाने-जहां से ये नफरत ,
ऐ हजरते-वाइज़ क्या कहना,
अल्लाह के आगे बस न चला,
बंदों से बगावत कर बैठे।84
-फैज़ अहमद फैज़
मुझे सामने बिठा,
गले लगे कईयों से वो,85

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~नफरत भी ‘वो’
बड़े करीने से करते हैं.
नफ़रत भी क्यों करे उससे,
उतना वास्ता भी क्यों रक्खे उससे..86
हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, सबको ही सम्मान मिला।
गीता-ग्रंथ-बाइबिल के संग, है पवित्र कुरआन मिला।
नफरत की खाई मत खोदो, मत खींचो दीवार कोई,
जो भी इस माटी में जन्म, उसको हिंदुस्तान मिला।87
हर शख्स को नफरत है झूठ से,,
मैं परेशान हु सोच कर की फिर ये झूठ बोलता कौन है …..???