उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।39

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कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा थ40

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ज्यादा कुछ नहीं बदला, उनके और मेरे बीच में,
पहले नफरत नहीं थी, अब मोहब्बत नहीं हैं।41

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मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो,
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है।42

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मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो,
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है।43

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एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं,
वरना नफरत और मोहब्बत एक ही दिल में होती है।44

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मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना,
जरा से भी अगर चूके तो मोहब्बत हो जायेगी।45

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नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं,
जब भी मिलते है कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं।46

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वो वक़्त गुजर गया जब मुझे तेरी आरज़ू थी,
अब तू खुदा भी बन जाए तो मैं सज़दा न करूँ47

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मुझसे नफरत की अजब राह निकली उसने,
हँसता बसता दिल कर दिया खाली उसने,
मेरे घर की रिवायत से वोह खूब था वाकिफ,
जुदाई माँग ली बन के सवाली उसने।48

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बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,
उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर।49

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वो नफरतें पाले रहे हम प्यार निभाते रहे,
लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी।

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तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने,
सोचो अगर तुम मुहब्बत करते तो हम क्या करते।51

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खबर अच्छी कि आजा मुंह तेरा मीठा करें,
नफरतें तेरी हुई हैं बा-खुशी दिल को कुबूल।52